MSP kya hai– नमस्कार किसान भाइयो पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन के बारे में तो आपने कहीं न कहीं जरूर सुना होगा या फिर आंदोलन की असली वजह के बारे में गूगल पर जरूर सर्च किया होगा तो आपको कहीं MSP शब्द निश्चित दिखाई दिया होगा,
पिछले कुछ सालो में थमा आंदोलन फिर से शुरू होने के कही कारण है जिसमे मुख्य कारण है एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य), कृषि ऋण माफ़ करना, 60+ वर्ष से अधिक किसान को पेंशन के रूप में 10,000 रुपये की मदद, बिजली का अति बिल और भी अन्य समस्या को लेकर किसान आंदोलन कर रहे है ।
अब आगे संशय उठता है कि किसानों द्वारा सरकार से यह सारी माँग सरकार की नजर में सही है कि नहीं, इस पूरे मूल रूप को सरकार किस नज़रिए से देखती है आईये जानते है और समझते है कि MSP क्या है !
MSP(एमएसपी) का क्या मतलब होता है ?
सीधे शब्दों में समझें तो मस्प (एमएसपी) का मतलब है ( MINIMUM SUPPORT PRICE) जो की सरकार निर्धारित करती है एक रेट किसी भी फसल के लिए और फिर सरकार निर्धारित रेट में किसानों से फसल ख़रीदती है , जैसे की आज दिनांक 2/3/24 को गेहूं का भाव मंडी में 1800-2000 रुपये प्रति क्विंटल है और सरकार द्वारा एमएसपी का रेट 2275₹ प्रति क्विंटल है तो जो ऊपरी भाव आ रहा है उससे किसानों को थोड़ा मुनाफ़ा ज़रूर होगा इसे ही समर्थन मूल्य कहते है, MSP(एमएसपी) को हिन्दी में न्यूनतम समर्थन मूल्य भी कहा जाता है ।
यह एक ऐसा क़ानून है जिससे सरकार चाहती है किसानों का खेती में लागत से ज़्यादा फ़ायदा हो जाए परंतु MSP का निर्धारित रेट इतना कम है की किसान अपनी लागत भी नहीं निकाल पाता है इसी से संबंध में यह आंदोलन हो रहा है ।
तो किसान साथियो अभी हमने समझा MSP का क्या मतलब होता है आइये आगे समझते है MSP के बारे में और अधिक जानकारी –
MSP(एमएसपी) के अंतर्गत कितनी फसल आती है ?
MSP के अंतर्गत लगभग 22 फसले आती है जिसमे 14 खरीफ सीजन की और 6 रबी सीजन की और 2 वाणिज्यिक(Commercial) फसले आती है ।
MSP के अंतर्गत लगभग 22 फसले निम्नप्रकार है :-
अनाज में -: धान, गेहू, ज्वार, मक्का, बाजरा, रागी और जौ है ।
दाल में :- अरहर, ग्राम, मूंग, मसूर, उरद है ।
तिलहन में :- सोयाबीन, मूंगफली, सरसो, तिल, सूरजमुखी बीज, कुसुम आदि ।
अन्य जानकारी पाए –
- भारत में सबसे ज्यादा कमाई देने वाली फसल ?
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MSP (एमएसपी) पर सरकार का जवाब ?
वैसे तो किसानो को सरकार द्वारा कठोर प्रतिक्रिया मिल रही है, दिल्ली और हरियाणा की बॉर्डर पर कई राज्यों की पुलिस बल लगा कर किसानो को आंदोलन से तो रोक रही है इसके साथ ही MSP और अन्य मांग को नजर में लाने के बजाय आंदोलन को हिंसा का रूप देकर बात को बढ़ाया जा रहा है ।
आइए आगे समझते है की किसानो की यह मांग को सरकार मंजूरी क्यों नहीं दे रही आखिर सरकार का क्या गणित है ।
इस वर्ष अंतरिम बजट किसानो के लिए बढ़ाया जरूर गया है परंतु किसानों को अन्य योजना के लिए सरकार msp पर ध्यान ना देते हुए बजट ख़राब ज़रूर कर रही है हालाँकि मध्य प्रदेश में मोहन सरकार ने ११ मार्च २०२४ को समर्थन मूल्य पर हिज़ाफ़ा करते हुए गेहूं के MSP पर 125 रुपये बढ़ाये ज़रूर है बस अब सवाल यही है की सरकार किसानों के साथ बैठक करने के बाद क्या फ़ैसला लेगी ।
तो किसान भाईयों आज के इस पोस्ट में हमने जाना MSP के बारे में और MSP के अंतर्गत कितनी फ़सले आती है यदि आपको एमएसपी के विषय में और जानकारी चाहिए तो नीचे कमेंट करके पूछ सकते है या हमारे फेसबुक पेज पर जाकर पूछ सकते हो ।
जय जवान – जय किसान